नम: मंत्र का जाप करके अक्षत गूलर की लकड़ी के ऊपर छोड़ दे।
3.
विष्णु की मूल प्रतिमा गूलर की लकड़ी से बनी थी जो इस तालाब में दबाकर रखी गयी है.
4.
विष्णु की मूल प्रतिमा गूलर की लकड़ी से बनी थी जो इस तालाब में दबाकर रखी गयी है.
5.
ऐसे में उन्हें इनसे निजात पाने के लिए विष्णु और शिव का पूजन और गूलर की लकड़ी से हवन करना चाहिए।
6.
-किसी भी प्रकार के प्रमेह को दूर करने के लिए गूलर की लकड़ी का शहद और गन्ने के रस के साथ हवन करना चाहिए.
7.
अपने हाथ में थोड़े से अक्षत लें || ॐ गं गणपतये ऋण हरताये नम: || मंत्र का जाप करके अक्षत गूलर की लकड़ी के ऊपर छोड़ दे।
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अपने हाथ में थोड़े से अक्षत लें ॐ गं गणपतये ऋण हरताये नम: मंत्र का जाप करके अक्षत गूलर की लकड़ी के ऊपर छोड़ दे।
9.
(3) अदाभ्य पात्र यह सोमरस रखने का गूलर की लकड़ी का बना एक पात्र है, जो अग्निष्टोम आदि याग में प्रयुक्त होता है ।
10.
उपर्युक्त वृक्षों के अतिरिक्त और भी अनेक वृक्ष हैं, जिनकी लकड़ियाँ किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए अत्यंत उपयुक्त होती हैं, जैसे बबूल की लकड़ी पहियों के लिए और गूलर की लकड़ी कुओं के चक्के के लिए।